स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (hindi speech on independence day)

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स्वतंत्रता दिवस पर भाषण: एक समृद्ध भारत की ऊँचाइयों की ओर

 hindi speech on independence day

प्रस्तावना:


प्रिय देशवासियों,

नमस्ते। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम सभी यहां एक साथ इस महत्वपूर्ण मौके पर इकट्ठा हुए हैं, जब हमारा देश अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर मेरा सर्वोत्तम श्रद्धांजलि और गर्वभाव है कि मैं आप सभी के सामने खड़ा होकर इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर बात कर सकता हूँ।

स्वतंत्रता दिवस का अर्थ:

स्वतंत्रता दिवस का अर्थ है हमारे देश को विदेशी शासन से मुक्त करने का दिन, एक नए और स्वतंत्र भारत की शुरुआत का दिन। 15 अगस्त 1947 को हमारे महान नेता और संत-महात्मा महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत ने अपनी आजादी प्राप्त की थी। इस दिन का आदान-प्रदान हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हमें इसे सभी दिलों से मनाना चाहिए।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम:

हमारे देश का स्वतंत्रता संग्राम एक अद्भुत कहानी है, जिसमें हर व्यक्ति ने अपनी शक्तियों को जुटाकर अपने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। बापू, महात्मा गांधी ने अपनी अहिंसात्मक सिद्धांतों के साथ एक नये भारत की आधारशिला रखी, जिसने अंग्रेजी साम्राज्य को एक सकारात्मक और अद्वितीय तरीके से हराया।

स्वतंत्रता के लिए बलिदान:

आज़ादी पाने के लिए हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, और अनेक अन्य नेताओं ने अपनी शौर्यगाथाएँ हमें एक औरतरीके से सिखाई हैं कि अगर हमारी आजादी के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होती है और हमें आपसी एकता में रहकर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना होता है।

समृद्धि और विकास:


आज, हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन कर रहा है। हमने विज्ञान, तकनीक, और अन्य क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। स्वतंत्रता के बाद हमने अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए हैं और आज हम विश्व में एक महत्वपूर्ण राष्ट्र के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं।

समृद्धि के लिए साकारात्मक कदम:


हमें अपने स्वतंत्रता के बाद आए कदमों को समर्थन देना होगा ताकि हम एक और समृद्ध और समर्थ भारत की दिशा में बढ़ सकें। औद्योगिकीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि क्षेत्र में नए और सुधारित प्रणालियों की आवश्यकता है जो लोगों को अधिक समृद्ध और सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार प्रदान करेगी।

नागरिक समाज का महत्व:

एक समृद्ध राष्ट्र की नींव नागरिक समाज पर टिकी होती है। हमें सभी को इस बात का समझना चाहिए कि हमारा देश हम सभी का है, और हमें एक दूसरे के साथ साझा करने का भाव बनाए रखना चाहिए। विभिन्न समृद्धिशील और विकसित राज्यों के बीच समानता का भाव बनाए रखना हमारी सामाजिक सांघीकृति को मजबूत करेगा।

समृद्धि और संघर्ष:

समृद्धि की पथ पर चलते समय, हमें कई चुनौतियों का सामना करना होगा। एक समृद्ध भारत बनाने में हमें विकास और संघर्ष दोनों को साथ में लेना होगा। यह आवश्यक है कि हम आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक स्तर पर समस्याओं का समाधान करने के लिए मिलकर काम करें।

समृद्धि में शिक्षा का योगदान:शिक्षा समृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें युवा पीढ़ी को उच्च शिक्षा और विकास के क्षेत्र में रुचि बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। नए और विशेषज्ञ ज्ञान क्षेत्रों में निवेश करना होगा ताकि हम आने वाले समय तकनीकी उन्नति की दिशा में अग्रणी रहें। शिक्षा को समृद्धि का एक साधन बनाने के लिए हमें विभिन्न विद्यार्थी और शिक्षायों के लिए सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए ताकि उन्हें अपने पोटेंशियल को पूरी तरह से विकसित करने में सहायता मिले।

रोजगार और उद्यमिता:

एक समृद्ध राष्ट्र के लिए रोजगार और उद्यमिता का महत्वपूर्ण स्थान है। हमें नई पीढ़ी को नौकरी प्राप्त करने के लिए उत्साहित करना चाहिए और उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुसार उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करना चाहिए। यह समृद्धि का माध्यम बन सकता है जिससे हम न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती से बनाए रख सकते हैं, बल्कि नए रोजगार सृष्टि कर सकते हैं।

भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि:

हमारी समृद्धि की कहानी में हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी सांस्कृतिक विविधता हमें अन्य राष्ट्रों से अलग बनाती है और इससे हमें गर्व होता है। हमें इसे सुरक्षित रखने और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

पर्यावरण समृद्धि:

समृद्धि के मार्ग में हमें पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष महत्वपूर्ण रोल निभाना होगा। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इनका उपयोग हो सके।

सामाजिक समृद्धि:

हमारी समृद्धि में सामाजिक न्याय और समानता का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। हमें समाज में सभी वर्गों और वर्गों के बीच बराबरी को बढ़ावा देना चाहिए ताकि किसी को भी विकास का अवसर मिल सके।

समर्पितता और सेवा:

हमारी समृद्धि में समर्पितता और सेवा का महत्वपूर्ण स्थान है। हमें अपने समाज और देश के लिए समर्पित होना चाहिए और सेवा के माध्यम से दूसरों की मदद करना चाहिए।

निष्ठा और एकता:

एक समृद्ध राष्ट्र के लिए निष्ठा और एकता का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें अपने देश के प्रति निष्ठाबद्ध रहना चाहिए और सभी वर्गों को एक साथ लाने के लिए एकता की भावना को बनाए रखना होगा। यही हमारे राष्ट्र को और मजबूत बनाए रखेगा।

समापन:

समृद्धि का मार्ग अरुचिकर और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन हमें इसे साहस से और सही दिशा में बढ़ाने का संकल्प लेना होगा। स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर, हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी का एक संघर्ष, एक समर्पण, और एक संगठन से ही समृद्धि की ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

समृद्धि का सफर एक सामरिक और सांस्कृतिक उत्थान का है, और हम सभी को मिलकर इसे सफल बनाने का संकल्प लेना होगा। आइए, हम सभी मिलकर एक नए और समृद्ध भारत की ओर बढ़ें, जहां न्याय, समर्पण, और सेवा हमारी सभी क्रियाओं का मौलिक हिस्सा बने।

इस शुभ मौके पर, मैं समाप्त करता हूँ और देशवासियों से अनुरोध करता हूँ कि हम सभी एक बड़े उत्साह और समर्थन के साथ अपने देश के समृद्धि की दिशा में बढ़ें।

धन्यवाद और जय हिन्द!

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