26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का महत्वपूर्ण कारण है कि इस दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस देश के संविधानिक रूप से एक नए यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है और यह भारतीय गणराज्य की स्थापना को संकेत करता है।
1947 में भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, लेकिन उस समय कोई स्थायी संविधान नहीं था जिससे देश को सशक्त और सुरक्षित रूप से प्रशासित किया जा सकता था। इस परिस्थिति को समझते हुए, भारतीय संविधान सभा ने एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण संविधान तैयार करने का कार्य शुरू किया।
संविधान निर्माण के बाद, इसे लागू करने का निर्णय लिया गया और इसे 26 जनवरी 1950 को आम जनता के सामने प्रस्तुत किया गया। इस दिन से पहले, 26 जनवरी 1930 को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूरे देश को यह सूचित किया कि यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस का चयन 26 जनवरी का क्यों किया गया, इसमें भी विशेष कारण है। इस दिन को चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन महात्मा गांधी ने अपने अनुयायियों के साथ 'पूर्ण स्वराज' की मांग को लेकर 'पूर्ण स्वराज की यात्रा' की शुरुआत की थी।
इस प्रकार, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चयन करने से इसे देश के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण पलों का स्मरण और उनके संघर्ष की मांग का याद किया जाता है। इसके साथ ही, यह भी हमें यह दिखाता है कि हमारा संविधान उस समय के संदर्भ में कैसे तैयार हुआ और हमारे देश को कैसे सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।